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Weight | 0.250 kg |
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Dimensions | 21 x 12 x 2 cm |
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आमतौर पर लोगों को लगता है कि महिला-प्रमुख किताब केवल महिलाओं के लिए होती है लेकिन ये वो किताब है जो हर आयु का व्यक्ति, चाहे वो महिला हो या पुरुष कोई भी पढ़ सकता है इसलिए मेरा ये मानना है कि ये किताब हर व्यक्ति को ज़रूर पढ़नी चाहिए खासतौर पर…..पुरूषों को क्योंकि अगर पुरुष समाज कि सोच महिलाओं के हित में बदल गई तो फिर महिलाओं को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
इस किताब में ये बताया गया है कि कैसे एक स्त्री के जीवन का हर एक पड़ाव चक्रव्यूह के पड़ाव की तरह एक जाल होता है जो उसे पूरी तरह तोड़ देता है और उसी तड़प को, उन आँसुओं को अपने कलम की सियाही बनाकर मैंने उसे इस किताब में उतारा है।
इस किताब की खास बात ये है कि इस किताब से हर महिला अपने-आप को जोड़ पाएगी और समाज अपनी करतूतें देख पाएगा। इसके हर एक पाठ के पीछे उस औरत का जवाब है जिसकी आवाज़ हमारे कानों में नहीं जाती। आम भाषा में कहा जाए तो ये किताब एक औरत की ज़ुबानी है।
इसलिए मैं ये आग्रह करती हूँ कि एक बार ही सही इस किताब को ज़रूर पढ़ें और पूरा पढ़ें क्योंकि कई बार कुछ चीज़ें हमें ऐसा ज्ञान दे जाती हैं जो हमारी सोच और जीवन को ही बदल देती हैं।
ISBN: "978-93-5347-009-8"
Publisher: BlueRose Publishers
Publish Date: 2018
Page Count: 106
Weight | 0.250 kg |
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Dimensions | 21 x 12 x 2 cm |
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