नवीन जानी’ अपने सब्दों को सही जग़ह औऱ सही मात्रा मैं रखने की काबिलियत रख़ते हैं,उनकी लिखी कविताएं ही उनकी पहचान हैं , थोड़े से सब्दों मैं कहें तो ये एक छोटे से गाँव के रहनेवाले औऱ छोटे बड़े सभी लोगों के दिल मैं अपनी जग़ह बनाने की ख़्वाईश मैं भटक रहे हैं,,,औऱ इसका एक मात्र रास्ता हैं ये क़िताब,,, सुकून की माला ,,,वैसे तो ये उनके जीवन की पहली किताब हैं पर एक नए युग की शरुआत करने का ये छोटा सा प्रयास भी हैं।।।। समंदर की गहराइयां देखने के लिये उस मैं छ्लांग लगाना ज़रूरी हैं…. सुकून की माला से …..’नवीन जानी’
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