सुमित कुमार आंध्रा बैंक में प्रोबेशनरी अफसर के रूप में कार्यरत हैं। ‘अल्फ़ाज़-ए-मोहब्बत‘ इनकी तीसरी पुस्तक है। इनकी बाकि की दोनों किताबें अंग्रेजी में हैं। जेवियर्स, रांची से ग्रेजुएशन करने वाले सुमित मानते हैं कि जब आप पढ़ने में एवरेज हां, तब आपको वो चीजें करनी चाहियें जिसमें आप बेहतर हो ताकि आप जीत सको क्योंकि आप दूसरे के खेल में किसी को नहीं हरा सकते पर अपने खेल में सब आपसे चारो खाने चित्त हो जाते हैं।
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