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JAGENDRA RANA
ISBN: 9789354726019
AKHAND BRAHMCHARI
by: JAGENDRA RANAब्रह्मचर्य समस्त साधनाओं का मूल आधार है। जिसे अपनाएं बिना आत्मा की उपलब्धि असंभव है। ब्रह्मचर्य की साधना महान साधना है। भारत भूमि सदा से ही धर्म स्थली रही है । यहाँ सदा से ही सन्त महात्मा ओर अवतार होते रहे हैं । सदगुरु जो स्वयं ब्रह्म है.निराकर है, निर्विकार है, वही ब्रह्म जगत कल्याणार्थ के लिए मातृ भाव मे साकार हो कर पथ प्रदर्शित करता है। गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है, गुरु वह शक्ति है जो हमें परमात्मा से मिलाने का मार्ग बताता है।
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Details
ISBN: 9789354726019
SKU: 6862
Publisher: BlueRose Publishers
Publish Date: 2021
Page Count: 256
Additional information
Weight | 0.384 kg |
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Dimensions | 22.86 x 15.24 x 2.5 cm |
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